वर्ग पहेली 155
वर्ग पहेली 155
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कंकेल लकंपनगा नकाटकंश ठकलूशाकं डकंरा दकं ककंदशला कंधा रधाकंव पकं कंनीप बुकं जबोकं कंबोडिया सकं कंलतास सुरसाकं सुआकं ककड़ी कगार कच ककचच कोकलच नारकच याचबकचि कनट
बाएँ से दाएँ
1. खिचखिच, बकझक; नित्य या बराबर होती रहनेवाली कहा-सुनी या झगड़ा, आटे आदि में पाया जानेवाला बारीक कंकर, पत्थर आदि का कण
3. गले में होनेवाली एक गाँठ
5. एक प्रकार का कीड़ा
6. टीला, टिब्बा, ढूह, भींटा, कररा, धूहा, टेकरी, टेकर, टेकरा, धूलिकेदार; मिट्टी-पत्थर का कुछ उभरा हुआ भू भाग
8. दक्षिण-पूर्वी एशिया का एक छोटा देश
9. मूत्रला, त्रपुकर्कटी, पाचका; एक लंबा,पतला फल जो बेल में लगता है
10. पूग, समवाय, कम्पनी; व्यापारियों या व्यवसायियों का वह समूह या दल या संस्था जो एक साथ मिलकर कोई व्यापार या व्यवसाय करता हो
11. कतरन, छाँट; कपड़े, काग़ज़ आदि के वे छोटे रद्दी टुकड़े जो कोई चीज़ कटने पर बचे रहते हैं
13. अंशुक, उपरना; एक तरह का दुपट्टा या चादर जो ऊपर से ओढ़ा जाता है
14. सोने या चाँदी के तार खींचनेवाला कारीगर
15. कंसासुर, उग्रसेनज, भोजपति, मायावान; मथुरा के राजा उग्रसेन का लड़का जिसे श्रीकृष्ण ने मारा था
16. स्पंदन, स्पन्दन, कंपन, कम्पन, स्पंद, स्पन्द, विस्पंदन, विस्पन्दन, प्रकंपन, प्रकम्पन, कम्प; रह-रहकर धीरे-धीरे हिलने या काँपने की क्रिया
17. शंख, अंभोज, अंबुज, शंबुक, शंबूक, संबुक, सूचिकामुख, पूत, चंद्रबंधु, चन्द्रबन्धु, सिंधुज, सिन्धुज, सिंधुपुष्प, सिन्धुपुष्प, अर्णभव; एक प्रकार का बड़ा घोंघा जिसका कोष पवित्र माना जाता है और देवताओं के आगे बजाया जाता है
18. बथुआ, बाथू, शाकवीर, वस्तुकी, पिंडपुष्पक, पिण्डपुष्पक, वसुक, श्वानचिल्लिका, शाकश्रेष्ठ, सलमह, शुनकचिल्ली; एक प्रकार का साग; "वह आज बथुआ बना रही है"
ऊपर से नीचे
1. शातकुंभ, शातकुम्भ, युगपत्र, युग्मपत्र, युग्मपर्ण; एक छोटा पेड़ जिसमें सुन्दर फूल लगते हैं
2. एक प्रकार का भिक्षापात्र
3. उग्रसेनज, भोजपति, मायावान; मथुरा के राजा उग्रसेन का लड़का जिसे श्रीकृष्ण ने मारा था
4. चरखी, गंगई, गलगलिया, कलहँटी, गलगल, सिरगोटी, गलारी, भैना; मैना की तरह की एक चिड़िया
5. गरीबी, निर्धनता, दरिद्रता, दीनता, दैन्य, ग़रीबी, विपन्नता, दारिद्रय, कंगाली
7. एक प्रकार का राग
9. बृहस्पति का पुत्र
10. ऊँट, उष्ट्र, क्रमेलक, क्रमेल, दासेर, दासेरक, महाग्रीव, वक्रगुल्फ, वक्रग्रीव, शुतुर, जांघिक, शिशुनामा, द्विककुद, लंबग्रीव, लम्बग्रीव; एक ऊँचा चौपाया जो सवारी ओर बोझ लादने के काम आता है और अधिकतर रेगिस्तान में पाया जाता है;
12. गूदेदार और बिना रेशे की जड़
13. झाँझ, झांझ, झाल, झर्झरी, झाँझरी, छैना, ताल, झल्लक; मँजीरे की तरह का गोलाकार धातु के टुकड़ों का जोड़ा जो पूजन आदि के समय बजाया जाता है
14. नस, टैंडन, टैण्डन, टेंडन, टेण्डन; शरीर में तंतुमय संयोजी ऊतक की बनी वह नली जो पेशी को हड्डी या अन्य भागों से संलग्न करती है
16. स्कंध, अंस, अंश, मोढ़ा, मुड्ढा; शरीर का वह भाग जो गले और बाज़ू के बीच में होता है;
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पहेली 154 का हल -