वर्गपहेली varga paheli - 881 : गुलाबजल छिड़कने का एक लंबा पात्र जिसमें गुलाबजल भरकर शुभ अवसरों पर लोगों पर छिड़कते हैं।
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सौदासूत तेगा खंरगा हाइंत नीपादार तसौगा शबगुलापा नाखेबिर साँड़ बजुला
बाएँ से दाएँ
3. 1. दस्त; रेचन 2. दस्त लाने वाली दवा 3. विरेचक औषधि।
5. उपहार; भेंट; तोहफ़ा।
6. 1. जिसमें पानी हो; कांतिमान; चमकदार; लावण्ययुक्त 2. प्रतिष्ठित; इज़्ज़तदार 3. स्वाभिमानी।
9. 1. चरम सीमा; पराकाष्ठा; अंतिम सीमा; आख़िरी हद 2. अत्यधिक; बहुत ज़्यादा।
ऊपर से नीचे
1. गुलाबजल छिड़कने का एक लंबा पात्र जिसमें गुलाबजल भरकर शुभ अवसरों पर लोगों पर छिड़कते हैं।
2. एक प्रकार की छोटी चौड़ी तलवार या खड्ग।
4. 1. तलवार चलाने में माहिर बुंदेलखंड की एक योद्धा जाति 2. खंग चलाने वाला व्यक्ति 3. जनश्रुति है कि किसी ज़माने में खंगार नामक व्यक्ति ने किसी नवविवाहित दंपति की प्राणरक्षा की थी
5. 1. क्रय-विक्रय का व्यवहार; व्यापार; रोज़गार 2. ख़रीदने की वस्तु 3. कई प्रकार की वस्तुएँ।
7. 1. वस्तुओं को किसी विशेष ढंग से इधर-उधर फैलाना; तितर-बितर करना 2. छिटकाना; फेंकना।
8. 1. बिना बधिया किया हुआ बैल; वृषभ 2. हिंदू धर्म में मृतक की स्मृति में दाग कर छोड़ा हुआ वृषभ।