वर्गपहेली varga paheli - 886
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लठडं लपपोना रधन रबगका नापचँ अपनदा कथिरना कअली भुनाना रीडंआब
बाएँ से दाएँ
1. 1. बे-सिर पैर का 2. मिथ्या-झूठा 3. मर्यादा-रहित 4. अल्प; थोड़ा 5. सारहीन।
2. 1. चाप अर्थात दबाव पड़ने से नमित होना; झुकना; दबना 2. किसी के अनुग्रह या उपकार के कारण उसके आगे दबना।
6. 1. पौधों तथा वनस्पतियों का वह पतला और लंबा धड़ जिसपर पत्तियाँ या कोपलें होती हैं
7. 1. डूबने की क्रिया या भाव 2. डुबाव।
9. 1. भूनने का काम कराना 2. रुपयों या बड़े सिक्के को छोटे सिक्कों में बदलवाना 3. चेक को रुपए में बदलवाना।
10. 1. उत्तम कार्य; पूर्ण रूप से संपन्न कार्य 2. शुद्ध या मर्यादित आचरण।
ऊपर से नीचे
3. पोपले (दंतविहीन व्यक्ति का) का मुँह में कुछ रखकर चुभलाना या मुँह चलाना।
4. 1. आडंबर रचने वाला; आडंबर करने वाला 2. अभिमानी; घमंडी।
5. पैरों को लय के साथ हिलाते-डुलाते हुए नाचना; कदमों का उठाना और पटकना; इठलाना; नृत्य में अंगों का संचालन करना; अंग मटकाकर नाचना; ठुमककर नाचना।
8. 1. धरने की क्रिया या भाव 2. छत की आधार स्वरूप एक मोटी लकड़ी; बड़ी कड़ी; शहतीर 3. स्त्रियों के गर्भाशय का आधार 4. पकड़ 5. हठ; ज़िद; टेक।