वर्गपहेली varga paheli - 892 - जिसके आने से कार्य में व्यवधान उत्पन्न होता हो
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चकोपंसी पंजाबी रपुछा चंलच सारसी सनीचर भअया ड़कलजाम कदारड़भ सीसा क़ाफ़िर
बाएँ से दाएँ
1. एक वजनी धातु जो मटमैले रंग की होती है; (लेड)।
3. 1. (पुराण) दुर्गा का एक रूप
6. काशी की परिक्रमा जिसमें पाँच पड़ाव हैं- कंदवा
7. 1. मकड़ी द्वारा बनाया गया जाला 2. जाल; जंजाल 3. किसी के द्वारा किया गया षड्यंत्र; साजिश; फ़रेब।
9. 1. पंथ; संप्रदाय 2. जमात; समुदाय 3. वर्ग 4. गुट; दल; गिरोह; जत्था 5. जाति।
10. 1. शनि नामक ग्रह; शनैश्चर 2. (ज्योतिष) एक देवता 3. शनिवार 4. जिसके आने से कार्य में व्यवधान उत्पन्न होता हो।
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ऊपर से नीचे
2. 1. (काव्यशास्त्र) आर्या छंद का तेइसवाँ भेद जिसमें पाँच गुरु और अड़तालीस लघु मात्राएँ होती हैं 2. मादा सारस पक्षी।
4. 1. चमकीला; जिसमें ख़ूब चमक-दमक हो; भड़कीला 2. अलंकृत; शब्दाडंबरपूर्ण।
5. 1. जो चलायमान या गतिशील हो; चपल; जिसमें स्थायित्व न हो 2. जो किसी एक स्थिति या एक स्थान पर न रहता हो; जो स्थिर न हो
6. पंजाब राज्य की भाषा।
8. 1. पूछने वाला व्यक्ति 2. आदर करने वाला व्यक्ति 3. देखरेख या ख़ोज-ख़बर लेने वाला व्यक्ति।
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