वर्ग पहेली 144
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तनिदिना पुनिण कएटंगा युगिला मनीला लिनीमा कनुती दभेभाव दीभे नागुरह नीला पमानुअ णग रिपु रतवीस सती
बाएँ से दाएँ
1. पक्षपात, तरफ़दारी, तरफदारी, ताईद; औचित्य या न्याय का विचार छोड़कर किसी एक पक्ष के अनुरूप होनेवाली प्रवृत्ति या सहानुभूति और उस पक्ष को समर्थन करने की क्रिया या भाव;
2. शत्रु, दुश्मन, वैरी, विरोधी, बैरी, मुद्दई, अरि, प्रतिद्वंद्वी, प्रतिद्वन्द्वी, मुखालिफ, मुख़ालिफ़, रकीब, रक़ीब, अनुशयी, अराति, सतर, अयास्य, अमित्र, अमीत, वृजन, अरिंद, अरिन्द, अरुंतुद, अरुन्तुद, तपु; वह जिससे शत्रुता या वैर हो;
4. ध्वनित, नादित, शब्दायमान; जो ध्वनि या शब्द के रूप में प्रकट हुआ हो
6. बेसन की बनी एक प्रकार की छोटी मिठाई
7. पतिव्रता, पतिव्रता स्त्री, एकचारिणी, पतिदेवा, अपांशुका, अपांशुला, अपांसुला, मंगला, ध्रुवा
8. नौकर, सेवक, दास, अनुचर, ख़ादिम, मुलाज़िम, मुलाजिम, आदमी, टहलुआ, पार्षद, लौंडा, अनुग, अनुचारक, अनुचारी, ताबेदार, अनुयायी, पाबंद, पाबन्द, नफर, नफ़र, अभिचर, भृत्य, गण, अभिसर, अभिसारी, अम, पारिकुट; वह जो सेवा करता हो
9. सोहन चिड़िया, सोहन, सोहन-चिड़िया, सोन चिड़िया, गगनभेर, गुनार, तुगदर, भेरार, हुकना; एक प्रकार की बड़ी चिड़िया
10. वह रंग जो आकाश या नील रंग का होता है;
12. गले में गांठ पड़ने का एक रोग
13. अद्वितीय रूप रंग की स्त्री
ऊपर से नीचे
1. भेदिया, राज़दान, राज़दार, राजदान, राजदार
3. एक टाँग का लगड़ा
4. प्रवीण, प्रवीण व्यक्ति, पारंगत, दक्ष, माहिर, अभ्यस्त, क़ाबिल, होशियार, पक्का, सिद्धहस्त, परिपक्व, कार्यकुशल, विचक्षण, अभ्यासी; वह जो किसी कार्य को करने की विशेष योग्यता रखता हो;
5. चित्र, रेखाओं या रंगों से बनी हुई किसी वस्तु आदि की आकृति
10. नीलामी, घोष विक्रय,
11. नीलाभ; नीले होने की अवस्था
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पहेली 143 का हल: