वर्गपहेली varga paheli - 899
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हुरीज़ू बभोलाम पंचम पनीअत लासुरी भंफोड़डा हुतबथोड़ा ड़ाड़गुनागु गड़भं
बाएँ से दाएँ
3. 1. गोपनीय बात का प्रकट हो जाना 2. भेद प्रकट हो जाना; रहस्य प्रकट हो जाना।
4. थोड़ा या थोड़े से कुछ अधिक।
7. 1. सुरीले स्वरवाला 2. (संगीत) जिसका स्वर शास्त्रीय पद्धति के अनुरूप हो 3. महीन और मीठा (स्वर)।
8. परंपरागत रूप से शिव के लिए प्रयोग किया जाने वाला शब्द।
ऊपर से नीचे
1. गुड़गुड़ शब्द होना।
2. 1. दूर किया या हटाया हुआ 2. एक स्थान से दूसरे स्थान पर पहुँचाया हुआ 3. जिसे कोई भगा या हर ले गया हो।
3. जिसे भाँग पीने की लत हो; भाँग का नशा करने वाला; भँगेड़ी।
5. 1. निकटता; नज़दीकी 2. उपस्थिति; विद्यमानता 3. सम्मुखता; सामना।
6. (संगीत में) सरगम या सप्तक का 'प' के रूप में पाँचवाँ स्वर जिसे कोयल की कूक का स्वर भी माना जाता है।
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