वर्गपहेली varga paheli - 905 // किसी कार्य या वस्तु को अस्त-व्यस्त या उलट-पुलट करने की क्रिया या भाव?
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लिढ़ाखाप लालहको थिमैल ड़छापड़उखा कंथा बूसूझझ सिललाहि चाब कासिशं पझका
बाएँ से दाएँ
1. गजपिप्पली की जाति का एक पौधा जिसकी लकड़ी और जड़ औषधि के काम में आती है।
2. 1. बुद्धि 2. सोचने-समझने की शक्ति; समझदारी।
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5. 1. शिक्षित 2. जिसे पढ़ना-लिखना आता हो 3. पढ़ने-लिखने में सक्षम।
6. 1. आलोचना के रूप में व्यक्त संक्षिप्त विचार 2. टिप्पणी; उपकथन।
10. 1. अनेक लोगों का बोलना
ऊपर से नीचे
3. हवा का झोंका; तेज़ हवा का झटका या धक्का; हल्की नींद।
4. किसी कार्य या वस्तु को अस्त-व्यस्त या उलट-पुलट करने की क्रिया या भाव।
7. 1. जो चिकना तथा फिसलनदार हो 2. कीचड़ आदि के कारण रपटनवाला; पिच्छल।
8. 1. कथरी; पुराने वस्त्रों को सिलकर बनाई गई ओढ़ने की चादर; गुदड़ी 2. योगियों का परिधान।
9. 1. मिथिला का निवासी 2. राजा जनक।
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