वर्गपहेली varga paheli - 917
1 | 2 | |||||
3 | ||||||
4 | ||||||
5 | ||||||
6 | ||||||
7 | ||||||
8 |
चासंकारि ख़सरुत रिकागि धीतरशां खास पजीवितरि पकरिर बापू रुणित विअतभाभि
बाएँ से दाएँ
1. बजता
4. 1. साथी; संगी; मित्र; दोस्त 2. (नाटक) नायक का सहचर।
5. जो व्यक्ति अपने चारों ओर रहने वालों आदि के न रहने पर भी बचा हुआ या जीवित हो।
6. 1. छोटी पहाड़ी; उपगिरि 2. नारी 3. मादा चूहा; मूषिका; चुहिया 4. छोटा चूहा।
8. (काव्यशास्त्र) एक प्रकार का गुणी
[ads-post]
ऊपर से नीचे
1. 1. रवानगी; प्रस्थान 2. छुट्टी; अवकाश 3. आज्ञा; परवानगी; इजाज़त 4. वधू की मायके से विदाई।
2. 1. जिसका अभिभव हुआ हो; पराजित; हारा हुआ 2. दबाया हुआ; अधीनस्थ 3. तिरस्कृत; उपेक्षित।
3. 1. संदेशवाहिका; दूती 2. कुटनी 3. नाक; नासिका 4. युग्म; जोड़ा 5. गंध; महक।
5. 1. पलंग 2. परिजन 3. आस-पास साथ रहने वाले लोग 4. समूह; वृंद 5. समारंभ; तैयारी 6. पटका; कमरबंद 7. (काव्यशास्त्र) एक अर्थालंकार जो अभिप्राय युक्त विशेषणों से युक्त होता है
7. 1. पिता या अन्य आदरणीय जन के लिए एक संबोधन 2. महात्मा गांधी के लिए प्रयुक्त एक आदरसूचक संबोधन।
----
हल 916