वर्गपहेली varga paheli - 863
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शिरख ड़छनाबि राईप जांबवान जांवब कपदी हकनाड़ पनशिशु लीवादी बज़र उमाप
बाएँ से दाएँ
2. जामुन का वृक्ष और उसका फल।
3. अपनी से भिन्न; दूसरे की; 'पराया' का स्त्रीलिंग।
4. 1. दीपावली 2. हिंदुओं का एक प्रमुख त्योहार।
5. 1. शिशु होने की अवस्था या भाव; शिशुता 2. बालपन; लड़कपन 3. बालसुलभता।
7. 1. चोट; आघात 2. प्रहार; हमला 3. तबले
8. साथ रहने वालों का परस्पर अलग होना; दूर होना; जुदा होना; साथ छूटने से अकेला रह जाना; वियोग होना
ऊपर से नीचे
1. 1. (काव्यशास्त्र) अर्थालंकार का एक भेद जिसमें दो वस्तुओ में भेद होते हुए भी धर्मगत समानता दिखाई जाए; साधर्म्य 2. समता; तुलना।
2. राम की सहायता करने वाला सुग्रीव का एक मंत्री।
4. 1. मिट्टी का बना हुआ लघु आकार का पात्र जिसमें बत्ती जलाते हैं; चिराग; दीप; दीया 2. संगीत का एक राग 3. (काव्यशास्त्र) काव्य का एक अर्थालंकार 4. (काव्यशास्त्र) एक मात्रिक छंद।
5. 1. सिरा; चोटी; किसी चीज़ का सबसे ऊपरी भाग 2. पर्वतशृंग 3. मंदिर या मस्जिद का ऊपरी सिरा; गुंबद 4. मंडप।
6. 1. कोई मनमाफ़िक चीज़ न मिलने पर व्याकुल होना; तरसना 2. किसी के दबाव में आ जाना।