वर्गपहेली varga paheli - 878
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नाराझु परीप विराग मोयाहमा वलेहअ भतारिह तुकनान ठाराह साठा लताविक भरैया
बाएँ से दाएँ
1. एक पौधा जिसकी जड़ औषधि के काम आती है।
3. 1. विरक्ति; अरुचि; वैराग्य 2. चाह या अनुराग का अभाव।
4. 1. छोटी-छोटी बातों पर अप्रसन्न होना; जल्दी नाराज़ होना; रूठ जाना 2. चिढ़ना; झल्लाना 3. झुँझलाना।
6. हरियालीयुक्त; हरीतिमा की आभा से युक्त।
8. साठ वर्ष की उम्रवाला।
9. 1. माया जाल 2. सांसारिक आकर्षण; ममता।
ऊपर से नीचे
2. 1. झुरना 2. किसी का कमज़ोर हो जाना 3. सूखना।
3. विकल होने का भाव या अवस्था; अधीरता; बेचैनी; व्याकुलता।
5. 1. लेई जो न अधिक गाढ़ी और न अधिक पतली हो और जिसे चाटा जाए; चटनी; माजून 2. औषधि जिसे चाटा जाए।
6. हृष्टपुष्ट; ताकतवर; स्वस्थ; बलशाली।
7. भरण-पोषण करने वाला; पालक; पोषक।
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