वर्गपहेली varga paheli - 866 : एक प्रकार का यंत्र जो लकड़ी अथवा धातु की बनी हुई वस्तुओं के बेडौल अंग छीलकर उन्हें सुडौल और चिकना बनाता है।
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निलोया दराख़ चेतादमं कूज़ चिशुताअ मीडिया लमंज़ि मीगाचिर बीदअबे क़ाज़ी
बाएँ से दाएँ
1. उर्दू उच्चारणानुसार वर्तनी (दे. काज़ी)।
2. अनादर; अशिष्टता; धृष्टता; गुस्ताख़ी; बदतमीज़ी; असभ्यता; बदतहज़ीबी; उद्दंडता; उजड्डपन।
5. बहुत दिनों तक चलने या बना रहने वाला।
7. मंदबुद्धि; जो समझदार न हो; कमअक्ल।
8. 1. नमक बनाने और बेचने का व्यवसाय करने वाली एक जाति; नोनियाँ 2. एक प्रकार का साग; अमलोनी।
9. 1. टेढ़ा-मेढ़ा; वक्र 2. कुबड़ा।
ऊपर से नीचे
3. 1. अपवित्रता 2. गंदगी; मैलापन 3. अपकर्ष 4. कालापन।
4. एक प्रकार का यंत्र जो लकड़ी अथवा धातु की बनी हुई वस्तुओं के बेडौल अंग छीलकर उन्हें सुडौल और चिकना बनाता है।
6. 1. माध्यम; साधन; हेतु 2. वर्तमान में जनसंपर्क या संचार आदि के क्षेत्र में टीवी
7. 1. मुकाम; गंतव्य; पड़ाव; यात्रा में ठहरने का स्थान 2. मकान का खंड; तल; मरातिब 3. मकान; भवन 4. एक दिन का सफ़र 5. मकान का छत या दरजा।